शायद शिव हमारी याद के पहले बदनाम शायरों में है। उनकी शादी में उन्ही का लिखा गीत गाया गया और अब आप पूछिये की इससे बड़ी सफलता किसी के लिए क्या होगी?
आज शिव कुमार बटालवी (23 जुलाई 1936) का जन्मदिन है. इन्हें आज भी पंजाब में सुपरस्टार का दर्जा मिला हुआ है. पहला और शायद एकमात्र सुपर स्टार शायर… ये आज की बातें हैं पर बीते वक़्त में शिव को बदनाम शायरों में गिना गया।
पंजाब आकाशवाणी से उनकी सब रिकॉर्डिंग्स डिलीट करा दी गई। चुराकर डायरियां जला दी गई और क्या नहीं किया गया। हमारे बाद कि जनरेशन को अगर शिव को सुनना हो तो केवल #BBC की एक रिकॉर्डिंग है जिसे वो सुन सकते हैं।
अज्ज दिन चढ्या, इक कुड़ी जिद्दा नां मुहब्बत, लट्ठे दी चादर आदि आज भी न केवल लोगों की जुबां पर हैं बल्कि बॉलीवुड में भी एवरग्रीन है।
आईये पंजाबी में लिखी उनकी एक ग़ज़ल ‘मैंनूं तेरा शबाब ले बैठा’, के शेर से मुखातिब कराते हैं:
कितनी पी ली, कितनी बाकी है, मुझको यही हिसाब ले बैठा.
मुझे जब भी तुम हो याद आए, दिन दहाड़े शराब ले बैठा.
बेशक आज आप लोग उन्हें याद कर रहें हैं यहां तक कि पंजाब गवर्नमेंट के एक ट्विटर हैंडल से उन्हें सम्मान देते हुए आज याद भी किया जा रहा है पर लेखक, शायर या कोई आर्टिस्ट हो तो आप उसे उसके ज़िंदा रहते इज़्ज़त दें तो ज़्यादा बेहतर रहेगा, आपकी एक पहल से हमारा युवा और आने वाली जनरेशन स्लो सुसाइड करने से शायद बच पाए!
So, there is a trending post which everyone is blindly posting on Facebook this weekend. i.e., “For my future memories feed.” In which, someone shared some details...